आ जा प्यारे अब तू बंधन तोड़ के सारे ,
तेरे स्वागत को उत्सुक, हमारे स्वर तुम्हे पुकारे ।
बड़ी रौशन ये दुनिया है तुम इसको और जगमगाओ ,
इस पर पाँव रखने में न तनिक भी तुम हिचकिचाओ ।
तुम्हारे से है रंगीनी, खुशियाँ हैं, बहारे हैं ,
इसी इक गुल के खिलने से बगिया में नज़ारें हैं ।
कोई तो कारण हो जो लहरें चीर दें हम काल-सागर की ;
कोई आँखों का तारा जो, हमको दे दिशा ध्रुव तारे सी ।
मौसमों को बदलेगी जो तेरी पलकों की आहट हो ;
तारों की सुषमा को, चंदा की मुस्कराहट को ।
सूरज भी बिठाएगा तुमको श्यामल छाहों में ;
बादलों के हिंडोले झूलेंगे श्रीदा की बांहों से ।
प्रतीक्षा की घड़ियाँ हैं, होता मन ज़रा ना स्थिर ;
तुझे देखने की आतुरता आती है बारम्बार घिर -घिर ।
तुम्हे लहरायें , ढुलकायें, करें हम लाड़ सब मिल कर ;
सुमंगल कामना ले कर , खड़े देखो सभी हिल कर ।
होते व्यक्त ना मुझसे अब अधिक उदगार हैं प्यारे ;
अब आओ तुम करेंगे बात मिल कर तभी हम सारे ।
तेरे स्वागत को उत्सुक, हमारे स्वर तुम्हे पुकारे ।
बड़ी रौशन ये दुनिया है तुम इसको और जगमगाओ ,
इस पर पाँव रखने में न तनिक भी तुम हिचकिचाओ ।
तुम्हारे से है रंगीनी, खुशियाँ हैं, बहारे हैं ,
इसी इक गुल के खिलने से बगिया में नज़ारें हैं ।
कोई तो कारण हो जो लहरें चीर दें हम काल-सागर की ;
कोई आँखों का तारा जो, हमको दे दिशा ध्रुव तारे सी ।
मौसमों को बदलेगी जो तेरी पलकों की आहट हो ;
तारों की सुषमा को, चंदा की मुस्कराहट को ।
सूरज भी बिठाएगा तुमको श्यामल छाहों में ;
बादलों के हिंडोले झूलेंगे श्रीदा की बांहों से ।
प्रतीक्षा की घड़ियाँ हैं, होता मन ज़रा ना स्थिर ;
तुझे देखने की आतुरता आती है बारम्बार घिर -घिर ।
तुम्हे लहरायें , ढुलकायें, करें हम लाड़ सब मिल कर ;
सुमंगल कामना ले कर , खड़े देखो सभी हिल कर ।
होते व्यक्त ना मुझसे अब अधिक उदगार हैं प्यारे ;
अब आओ तुम करेंगे बात मिल कर तभी हम सारे ।
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