शुक्रवार, 26 मार्च 2010

घुड़सवार कुत्ता

एक था कुत्ता,
नाम था रॉकी,
बनना चाहे
बढ़िया जाकी।

मिला उसे एक
सरपट घोड़ा,
चढ़ा पीठ पर
मारा कोड़ा।


ले कर उसको
घोड़ा दौड़ा,
तब ही उसने
घोड़ा मोड़ा।

मुड़ कर घोड़ा
संभल न पाया,
कूकर जी को
वहीँ गिराया।

गिरते ही -
कुत्ता घबराया,
फिर न शौक
उसे चर्राया।

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